लेखक:
वीरभद्र कार्कीढोली
5 मई, 1964 को सिक्किम में जन्म। मूल रूप से नेपाली भाषा में लेखन। आपकी प्रमुख पुस्तकें हैं - कविता : ‘निर्माण यो मोड़सम्मको’, ‘आभास’, ‘कविता पर्खिएर आधारातसम्म’, ‘एक मुट्ठी कविता’, ‘शब्द र मन’, ‘अक्षरहरुको यात्राम’, ‘समाधि अक्षरहरू’, ‘ध्वनि-अंतर्ध्वनि’; कहानी : ‘शब्दमा मनका आवेगहरू’ और ‘समय र रागहरू’; संमरण : ‘समिझएर उनीहरूलाई’। आपकी कृतियों का अनुवाद विभिन्न भाषाओं में हुआ है, जिनमें हिंदी में ‘तुमने जीवन तो दिया...’, ‘शब्दों का कोहरा’, ‘समाधिस्थ अक्षर’; असमिया में ‘वीरभद्र कार्कीढोलीर निर्वाचित कविता’; बंगला में ‘नेपाली कवि वीरभद्र कार्कीढोलीर प्रतिनिधि कविता’; अंग्रेजी में ‘एक्सप्रेसन ऑफ़ वर्ड्स’, ‘ए जर्नी ऑफ़ द लेटर्स’ आदि शामिल हैं। आप ‘प्रक्रिया’, ‘प्रथा’, ‘स्थापना’, ‘होम्रो पीढ़ी’ जैसी महत्त्वपूर्ण पत्रिकाओं के संपादन से भी जुड़े रहे हैं। आप ‘साहित्यश्री नेशनल अवार्ड’, ‘अंतरराष्ट्रिय भाषा साहित्य विशिष्ट सम्मान’, ‘अंतरराष्ट्रीय हिंदी सार्क सम्मान’, ‘राष्ट्र गौरव सम्मान’, ‘निराला साहित्य गौरव सम्मान’ सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किए जा चुके हैं। |
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इस शहर में तुम्हें याद करवीरभद्र कार्कीढोली
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आँसुओं में मन की बातें देखने-समझने की ये कविताएँ जो अनूदित होने के बावजूद अपरिचित नहीं लगतीं—साथ जगते हुए जीने की कविताएँ हैं। आगे... |